Friendship Story in Hindi
सच्चे दोस्त अच्छे समय को और भी अच्छा बना देते है; और बुरे समय से निपटना आसान बना देते है। Read Friendship Story in Hindi।
शाम के करीब 6 बजे का वक़्त था. मैं हर्ष सैनी अपने हॉस्टल में बैठ कर रो रहा था; जानते हो क्यों? मैं इंजीनियरिंग में फ़ैल हो गया था. मेरे सामने सिर्फ दो विकल्प थे, खुदखुशी या अपना खुद का कुछ काम शुरू करना.
कुछ मेरे बारे में
मेरा नाम हर्ष सैनी है और मैं दिल्ली से हूँ. 12 वी के बाद ही से मैं अपना खुद का बिज़नेस करना चाहता था; लेकिन मैं मिडिल क्लास फॅमिली से हूँ,
पिता जी ने इंजीनियरिंग के इलावा और कोई विकल्प दिया ही नहीं. मैंने बहुत समझाया कि इंजीनियरिंग में मेरी कोई रूचि नहीं लेकिन वो नहीं माने; मजबूरन मुझे इंजीनियरिंग करनी पड़ी.
मेरा और मेरे दोस्त अंकुर ने पहले से ही सोच रखा था कि ऑनलाइन बिज़नेस करेंगे लेकिन पिता की ज़िद के आगे मैं हार गया. अंकुर बिज़नेस करने के लिए मुंबई चला गया और मैं इंजीनियरिंग करने के लिए दिल्ली.
वर्तमान स्थिति
जब मैं इंजीनियरिंग में फेल हो गया और रो रहा था तो मैंने सबसे पहले अंकुर को फ़ोन किया, सोचा कि उससे बात करू; शायद कोई हल बताएगा. जब मैंने उसे फ़ोन किया तो उसने कहा “तेरे साथ तो यही होना था, मुझे पता था; माफ़ करना दोस्त, मैं कोई मदद नहीं कर सकता”
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जब अंकुर ने मुझे कहा तो मैं सोच रहा था कि अब खुदखुशी के इलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं. ना तो मेरे पास पैसे थे और ना ही इतनी हिम्मत कि पिता जी को अपने फ़ैल हो जाने की खबर सुना सकू.
Friendship Story In Hindi
तभी मेरे फ़ोन में मैसेज आया “आपके खाते में Rs 10,000 क्रेडिट हुए है”
मैं हैरान हुआ ये सोच कर कि किसने भेजे है मुझे इस समय पैसे; देखा तो वो पैसे अंकुर ने भेजे थे; तभी अंकुर का फ़ोन आया और उसने कहा “अब ज़्यादा सोच मत; बस जल्दी से मुंबई की ट्रैन पकड़ कर यहाँ आ जा. साथ में मिलकर हमें मुंबई जीतना है”
पता नहीं क्यों अंकुर को मुझ पर खुद से भी ज़्यादा भरोसा क्यों था..
मैं अगली ट्रैन से ही मुंबई पहुँच गया. अंकुर ने मुझसे कुछ नहीं पुछा; उसने मुझे पहले पूरा मुंबई घुमाया और फिर मुझे अपने बिज़नेस के बारे में बताया और कहा “यार हर्ष… अच्छा किया तू यहाँ आ गया; तेरे बिना मैं किसी काम का नहीं. जो हो गया उसे भूल जा; अब हमें मुंबई को जीतना है.”
मैंने अंकुर को कहा “यार…हमारे पास तो ज़्यादा पैसे भी नहीं, कैसे होगा सब कुछ”
उस दिन मेरे दोस्त अंकुर ने मुझे बहुत अच्छी बात कही; उसने कहा ” जब भी हम कुछ नया करने की सोचते है तो उसके बारे में प्लान बनाते है; रुकावटे खोजते है और फिर उन रुकावटों से निपटने का हल ढूंढते है;
Friendship Story in Hindi
लेकिन कई बार हमारे अंदर से कई बार हमें ये एहसास होता है; कि अगर ये ना हुआ तो क्या होगा, अगर मैं इसमें नाकामयाब हुआ तो क्या होगा; अगर मैं अपना लक्ष्य हासिल ना कर पाया तो क्या होगा.
हर्ष…मेरे दोस्त हमें अपने अंदर के इस नकारात्मक अगर की आवाज़ नहीं सुननी है. हमें सिर्फ पूरी मेहनत से अपना काम करना है; और धीरे-धीरे ये “अगर” की आवाज़ हमारे अंदर से आनी बंद हो जायेगी और जिस दिन ऐसा होगा; उस दिन से सब कुछ ठीक होगा मेरे दोस्त”
उस दिन मुझे एहसास हुआ कि सही मायने में अंकुर ही मेरा सच्चा दोस्त है. उस दिन मैंने एक बात सीखी कि दोस्त वो नहीं जिसे तुम लम्बे समय से जानते हो; दोस्त तो वो है जो तुम्हारा साथ कभी नहीं छोड़ता, अच्छे और खासकर बुरे समय में !
आज मैं और अंकुर एक बहुत बड़ी डिजिटल मार्केटिंग कंपनी सँभालते है; और सच पूछिए तो जितनी संतुष्टि मुझे ये काम करने में मिलती है उतनी किसी चीज़ में नहीं मिलती.
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अगर उस दिन अंकुर मेरी मदद ना करता तो शायद मैं इस दुनिया में ना होता.
किसी ने सच ही कहा है – “सच्चे दोस्त अच्छे समय को और भी अच्छा बना देते है और बुरे समय से निपटना आसान बना देते है।”
Thanks for Reading “Friendship Story In Hindi” hope You are like this short love story. If you Like do Comment and let me know your thought…